मंगलवार , 16 मार्च 2021 ( नगरनिगम बोर्ड बैठक )
ऋषिकेश : सोमवार को हुई नगरनिगम की बोर्ड बैठक में शहर के विकास कार्यों को लेकर प्रस्ताव रखे जाने थे एवं बजट की घोषणा होनी थी। लेकिन सदन में उपस्थित पार्षदों द्वारा पूर्व में हुई बोर्ड बैठक के प्रस्तावित कार्यों की पुष्टि को प्राथमिकता देने की बात कही गई। कई घंटों चली बोर्ड बैठक में पूर्व प्रस्तावित कार्यों की ही पुष्टि हो पाई। जिसके कारण बोर्ड बैठक के समापन तक कोई नए कार्य प्रस्तावित नहीं हो पाए। वहीं अधिकारियों की लापरवाही के कारण सदन में बजट के छायाप्रति की पेशकश देर में होने के कारण , बजट के लिए आगामी बैठक 21 मार्च को होने की घोषणा की गई।
जब बोर्ड बैठक की अध्यक्षता कर रही मेयर का प्रस्ताव खुद के ही पार्षदों ने ठुकराया , बोर्ड बैठख से वॉकआउट कर गए पार्षद :
बोर्ड बैठक के चलते नगर निगम महापौर अनीता मंमगाई द्वारा शहर को ऑरेंज सिटी के नाम पर भगवा करने का प्रस्ताव सदन में रखा गया , तो सदन में हो हल्ला होने लगा एवं मेयर के प्रस्ताव पर कांग्रेस - निर्दलीय ही नहीं बल्कि भाजपा के पार्षद भी प्रस्ताव के खिलाफ हो गए। पार्षदों द्वारा मेयर द्वारा लाए गए ऑरेंज सिटी के प्रस्ताव को ना सिर्फ ठुकराया बल्कि सदन से मेयर के खिलाफ नारेबाजी करते हुए वॉकआउट कर दिया।
प्रस्ताव को ठुकराने वाले भाजपा के पार्षदों का कहना है कि ऑरेंज सिटी बनने से उनको कोई नाराजगी नहीं है। वह खुद भगवा रंग को पसंद करते हैं लेकिन यह प्रस्ताव बोर्ड बैठक में पास करने के बाद शहर के व्यापारियों एवं अन्य प्रतिष्ठानों पर जोर जबरदस्ती थोपना बिल्कुल गलत है। कारण बताया कि हाल में ही बड़ी मुश्किलों के बाद व्यापारी वर्ग कोरोना की मार झेलने के बाद थोड़ा संभल पाया है। ऐसे में दुकानों एवं प्रतिष्ठानों में भगवा रंग करवाना व्यापारी वर्क के लिए फिजूल खर्चा करने का काम होगा।
वहीं कांग्रेसी एवं निर्दलीय पार्षदों का कहना है कि ऑरेंज सिटी बनाने का प्रस्ताव रखने का यह सही समय नहीं है। अभी-अभी व्यापारी से लेकर अन्य सभी वर्ग कोरोना की मार से नहीं उबर पाया हैं। साथ ही ऑरेंज सिटी के प्रस्ताव के बाद सरकारी कार्यों में भगवा रंग करने में जो खर्चा होगा। उस खर्चे को अन्य विकास कार्यों में लगाया जा सकता है।
ऑरेंज सिटी (भगवा ) के प्रस्ताव रखने के बाद हुए हंगामे से मेयर को मिलेगा राजनैतिक फायदा या नुकसान :पहला नजरिया : जब इस मामले में राजनीतिज्ञों से बात की गई तो राजनीतिज्ञों का कहना है कि महापौर अनीता ममगाईं द्वारा बोर्ड बैठक में ऑरेंज सिटी का प्रस्ताव लाया गया यदि यह प्रस्ताव प्री - प्लान था , तो यह यह कहीं ना कहीं राजनीतिक लाभ भी दे सकेगा। प्रस्ताव को लेकर हुए चर्चाएं कहीं ना कहीं भाजपा हाईकमान के सामने मेयर को ऊपर उठाने का काम करेगी।
दूसरा नजरिया : वहीं दूसरी ओर देखा जाए तो मेयर के प्रस्ताव को कांग्रेस निर्दलीय ही नहीं बल्कि भाजपा के खुद के पार्षदों ने ठुकराया है। इसका परिणाम साफ साफ नजर आता है कि भाजपा की मेयर , कांग्रेस - निर्दलीय ही नहीं बल्कि खुद के भाजपा पार्षदों को भी एकजुट करने में नाकाम है। तो नगरनिगम से बाहर का संगठन किस प्रकार संभाल पाएगी।