मंगलवार, 9 मार्च 2021

आगामी विधानसभा चुनाव 2022 के लिए भाजपा का नेतृत्व परिवर्तन सही या गलत , कहीं अब बढ़ न जाये भाजपा की मुश्किलें !

मंगलवार , 9 मार्च 2021 ( भाजपा नेतृत्व परिवर्तन )

देहरादून : पिछले काफी दिनों से चल रही नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें आखिरकार साफ हो चुकी है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। वहीं अब सरकार नए मुख्यमंत्री के चेहरे पर विचार बना रही है। जनता के बीच भी नए मुख्यमंत्री को लेकर चर्चाओं का बाजार गरमाया आया है। मुख्यमंत्री के नए चेहरे के रूप में कहीं राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी , तो कहीं धन सिंह रावत एवं सतपाल महाराज व केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक नाम भी सामने आ रहा है। लेकिन नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें साफ होने के बाद अब मुख्यमंत्री के नए चेहरे की अटकलें सामने आ रही हैं।

विधानसभा चुनाव 2022 में कुछ ही समय बचा है। ऐसे में भाजपा सरकार द्वारा नेतृत्व परिवर्तन करना कहीं विधानसभा चुनाव 2022 में भाजपा सरकार के लिए मुश्किल ना बन जाए।

राजनीतिज्ञों का कहना है कि उत्तराखंड का इतिहास रहा है कि अधिकतर मुख्यमंत्री अपना कार्यकाल पूर्ण रूप से नहीं निभा सके। जिसके परिणाम स्वरूप अगले चुनाव में सत्ता परिवर्तन अवश्य होता है।

वहीं कुछ राजनीतिज्ञ का कहना है कि निवर्तमान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की लोकप्रियता कम होने के कारण एवं भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर कोर्ट के आदेश आने से पूर्व भाजपा सरकार ने यह है निर्णय लिया है। ऐसे में मुख्यमंत्री का नया चेहरा जनता के लिए कुछ हटकर होता है तो संभावना है कि भाजपा सरकार की हार की संभावना कम हो जाए।

बात यह भी सामने आ रही है कि मुख्यमंत्री की दौड़ में शामिल हुए "बागी मंत्रियों " को मुख्यमंत्री का चेहरा ना बनें। इसके लिए भी भाजपा का शीर्ष नेतृत्व प्रयास कर रहा है। कारण यह बताया जा रहा है कि यदि बागी मंत्रियों को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाया जाता है, तो भाजपा को खुद के मंत्री विधायक एवं कार्यकर्ताओं की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है।


नेतृत्व परिवर्तन के बाद अब भाजपा के लिए चुनौतियों का दौर शुरू हो चुका है। जो कि झूठलाया नहीं जा सकता।